Sadhana Shahi

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झिलमिल तारे चमचम चंदा (कविता) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु-12-Jun-2024

झिलमिल तारे चमचम चंदा। (बालगीत) स्वैच्छिक प्रतियोगिता हेतु

झिलमिल तारे चमक रहे हैं, चांँद भी साथ में आया है। रात बड़ी है पावन लगती , संग में रंगत लाया है।

झूम -झूम के बच्चे नाचें, गाएँ दे- देकर ताली। घूम-घूम के खुशी मनाएंँ, रात बड़ी मतवाली।

कागज का हो उड़नखटोला, उसमें बैठे अरमान। हम सब उड़कर चल जाएंँगे, बस सीधे आसमान।

आसमान में जाकर , देखें हम परियों का देश। बड़ी सुहानी उनकी दुनिया, बड़ा सुंदर है परिवेश।

परियों के संग झूमें नाचें, खुलकर खुशी मनाएँ। सारे बच्चे एक साथ मिल, गीत खुशी के गाएँ।

साधना शाही, वाराणसी, उत्तर प्रदेश

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3 Comments

madhura

02-Feb-2025 09:45 AM

amazing

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Anjali korde

13-Jun-2024 08:10 AM

V nice

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Varsha_Upadhyay

12-Jun-2024 05:02 PM

Nice

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